NSDL IPO Listing: शेयर बाजार में दमदार डेब्यू
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) ने बुधवार को शेयर बाजार में शानदार शुरुआत करते हुए अपने IPO प्राइस से 10% के प्रीमियम पर लिस्टिंग की। यह भारत की दूसरी डिपॉजिटरी बन गई है जो पब्लिकली ट्रेड हो रही है — इससे पहले CDSL को साल 2017 में सूचीबद्ध किया गया था।
NSDL के IPO को निवेशकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला, जहां इसे 41 गुना ओवरसब्सक्राइब किया गया। ₹4,011 करोड़ के इस इनिशियल पब्लिक ऑफर की प्राइस बैंड ₹760 से ₹800 प्रति शेयर रखी गई थी, जबकि BSE पर शेयर की लिस्टिंग ₹880 के स्तर पर हुई, यानी 10% का प्रीमियम मिला।

NSDL IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) से कम लिस्टिंग प्रीमियम
ग्रे मार्केट में NSDL शेयर के लिए लगभग 16% प्रीमियम की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन वास्तविक लिस्टिंग इससे कम यानी 10% पर हुई। इसके बावजूद, एक्सपर्ट्स का मानना है कि NSDL शेयर में लॉन्ग टर्म में दमदार ग्रोथ की संभावनाएं हैं।
लिस्टिंग के बाद कंपनी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹17,600 करोड़ हो गया है।
NSDL शेयर – क्या करें निवेशक? Buy, Sell या Hold?
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत तापसे ने कहा:
“NSDL वैल्यू-बेस्ड ट्रांजैक्शन और इंस्टिट्यूशनल अकाउंट होल्डिंग्स में लीड कर रही है। टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री ट्रस्ट के बलबूते, यह CDSL के साथ मिलकर लगभग डुओपोली स्थिति में है, जहां नए खिलाड़ियों के लिए एंट्री करना मुश्किल है।“
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जिन निवेशकों को शेयर अलॉट हुए हैं, उन्हें लॉन्ग टर्म के लिए शेयर होल्ड करना चाहिए, जबकि अन्य निवेशक पोस्ट-लिस्टिंग डिप का इंतजार कर सकते हैं।
SMC Global Securities के रिसर्च हेड सौरभ जैन ने कहा:
“NSDL का मार्केट शेयर डोमिनेंट है और इसकी सर्विस रेंज व एसेट कवरेज काफी वाइड है। इसकी ग्रोथ को भारत की इकोनॉमिक स्थिति और रेगुलेटरी सपोर्ट मिल रहा है। हालांकि, निवेशकों को ट्रांजैक्शन वॉल्यूम पर निर्भरता, निवेशकों के व्यवहार में बदलाव और साइबर सुरक्षा जैसे जोखिमों से सतर्क रहना चाहिए।“
NSDL: कंपनी की प्रोफाइल और इतिहास
NSDL एक SEBI द्वारा रजिस्टर्ड मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन है, जो भारत के वित्तीय और सिक्योरिटीज बाजारों को कई प्रकार की सेवाएं प्रदान करती है। यह भारत में 1996 में डिपॉजिटरी एक्ट के लागू होने के बाद सिक्योरिटीज के डिमैट फॉर्मेट में परिवर्तन (Dematerialisation) की शुरुआत करने वाली पहली कंपनी थी।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) एक प्रमुख संस्थान है जिसे SEBI द्वारा मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह संस्था भारत के वित्तीय और पूंजी बाजारों में विभिन्न प्रकार की तकनीकी और संरचनात्मक सेवाएं उपलब्ध कराती है। वर्ष 1996 में डिपॉजिटरी एक्ट लागू होने के बाद, NSDL ने देश में कागज़ रहित (डिमैट) शेयरों की व्यवस्था की नींव रखी और इस दिशा में काम करने वाली भारत की पहली कंपनी बनी। इस प्रणाली ने निवेशकों को शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा दी, जिससे न केवल लेन-देन तेज हुआ बल्कि सुरक्षा भी बढ़ी।
NSDL शेयर में निवेश की रणनीति (Strategy After Listing)
- अलॉटेड निवेशकों के लिए: लॉन्ग टर्म होल्डिंग फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि NSDL के फंडामेंटल्स मजबूत हैं और इंडस्ट्री में इसकी स्थिति लीडिंग है।
- नॉन-अलॉटेड निवेशकों के लिए: अगर शेयर की कीमत लिस्टिंग के बाद कुछ गिरावट दिखाती है, तो उसमें एंट्री लेने का मौका मिल सकता है।
- शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स के लिए: वोलैटिलिटी को ध्यान में रखते हुए सीमित लक्ष्य और स्टॉप-लॉस के साथ ट्रेंड फॉलो करें।
क्यों करें NSDL में लॉन्ग टर्म निवेश?
- भारत की पहली और सबसे बड़ी डिपॉजिटरी कंपनियों में से एक।
- मजबूत टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल ट्रांजैक्शन में लीड।
- CDSL के साथ डुओपोली कंट्रोल — नए प्लेयर्स के लिए कम स्पेस।
- निवेशकों और इंस्टीट्यूशंस के बीच मजबूत विश्वास।
- लगातार बढ़ती Demat अकाउंट की संख्या।
डिस्क्लेमर (Disclaimer):
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। निवेश से जुड़ा निर्णय लेने से पहले कृपया सेबी रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। यहां दी गई विशेषज्ञों की राय Moneycontrol की है और इसका ChatGPT या आपकी वेबसाइट से कोई लेना-देना नहीं है।
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